रोशनी
कभी सोचा है अगर इस संसार मे रोशनी ना होती तो क्या होता? बहुत मुश्किल होतीं ना। और जिन्हकी आँखे नही होती है उनसे ज्यादा कौन इस बात को समज सकता है की उन्ह को कौनसी कोनसी दिक्कतो से गुजरना पड़ता है। और परमेश्वर ने भी यह दुनिया बनाई। रोशनी को भी बनाया "सूरज" सबसे तेज रोशनी और शायद ही अब तक कोई उसके करीब गया होगा। क्योंकि उसका प्रकाश अदिक है। पर तो भी वह हमारे लिये प्रकाश, रोशनी का काम करता है।
वैसे ही हमारे जीवन मे अगर रोशनी रहेगी तो हम बहोत सारि बुरी घटनाओं से बच सकते है। सही डेस्टिनेशन तक पोहच सकते है। पर अगर हम अन्धेरे में ही रहे तो क्या होगा?
एक अन्धा व्यक्ति दूसरे आन्धे को रास्ता कैसे दिखा सकता है ? क्योंकि दोनों के पास रोशनी नही है और उसका नतीजा बहोत भयंकर भी हो सकता है। वो दोनो भी बड़े से खड्डड़ें में गिर सकते है। जिसके पास रोशनी है वही आके उनकी मदत कर सकता है। में जानती हूं आप मुझ से सहमत होंगे इस बात के लिये।
तो यह हमें निर्णय करना है कि हम किसके साथ चले अपने जीवन मे जो अन्धा है या जिसके पास रोशनी है। और जैसे मैने पहिले भी बताया रोशनी का कॉन्सेप्ट ही परमेश्वर का है। और जो व्यक्ति परमेश्वर को जानता है वह उस प्रकाश को भी जनता है।
तो में उन्ह लोगो को प्रोतसाहित करना चाहती हु जिन्होंने उस रोशनी को जाना है। और आपको जो रोशनी मिली है परमेश्वर के द्वारा उसे
जिस से बाकी लोगो को भी रोशनी मिलेगी।
जैसे आपका जीवन ज्योति के बजे से सही दिशा में जा रहा है वैसे ही आप दूसरों की मदत कर सकते हो।
पर आपको तो सावल पड़ा होगा हमे ऐसे लोग किदर मिलेंगे जो पूरी तरह के से रोशनी में चलते है सम्पूर्ण सही जीवन जीते है। मेरा यह कहना है कि वह ज्योति बन रहे है दिन प्रतिदिन उन्ह में आपको बदलाव दिखेगा। वह लोग तो एक राजदूत है आपको उस परफेक्ट ज्योति के बारे में बताने के लिए।
रोशनी अच्छी है। और अपने हृदय की आँखों को खोले रखो आपको उसके बारे में जरूर पता चलेगा।
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